राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण–4 के अनुसार लिंग अनुपात में सुधार और आईएमआर में गिरावट

रिपोर्ट बताती हैं कि अधिक संस्थागत प्रसवों और व्यापक टीकाकरण कवरेज की वजह से शिशु मृत्युदर में कमी आई है और लिंगानुपात में भी सुधार हुआ है.

Mar 2, 2017, 18:57 IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 28 फरवरी 2017 को राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण–4 (एनएफएचएस–4) का नई दिल्ली में अनावरण किया. वर्ष 2015-16 के लिए किया गया सर्वेक्षण बताता है कि भारत के स्वास्थ्य सूचकांक में बीते दशक में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

यह सर्वेक्षण 6 लाख परिवारों, 1.3 लाख पुरुषों और 7 लाख महिलाओं से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है. यह पहली बार है जब आंकड़े जिला स्तर के अनुमान भी बता रहे हैं.

रिपोर्ट बताती हैं कि अधिक संस्थागत प्रसवों और व्यापक टीकाकरण कवरेज की वजह से शिशु मृत्युदर में कमी आई है और लिंगानुपात में भी सुधार हुआ है. सर्वेक्षण यह भी बताता है कि 12-23 महीनों के बीच के बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण हुआ है (बीसीजी, खसरा और पोलियो की 3 खुराक पोलियो की).

टीकाकरण कवरेज बिहार, पंजाब और मेघालय में 29 प्रतिशत प्वाइंट की बढ़ोतरी हुआ है जबकि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में इसमें 28 प्रतिशत प्वाइंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. डीपीटी में एनएफएचएस–3 के मुकाबले एनएफएचएस–4 में 18 प्रतिशत प्वाइंट की बढ़ोतरी हुई है, यह 44 प्रतिशत से बढ़कर 62 प्रतिशत हो गया है.

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण–4 की मुख्य बातें

•    जन्म के समय लिंगानुपातः बीते एक दशक में राष्ट्रीय स्तर पर इसमें सुधार हुआ है और यह प्रति 1000 पुरुषों पर 912 महिलों से बढ़कर 919 महिलाएं हो गया है. केरल में लिंगानुपात सबसे अधिक 1047 है, इसके बाद 1009 के साथ मेघालय का स्थान है. हरियाणा में भी काफी सुधार हुआ है और यहां अनुपात  762 से बढ़कर 836 हो गया है.

•    शिशु मृत्यु दर (आईएमआर): वर्ष  2005-06 में आयोजित किए गए एनएफएचएस–3 से लेकर अब तक इसमें गिरावट हुई है और यह प्रति 1000 जीवित जन्म में 51 के मुकाबले प्रति 1000 जीवित जन्म में 41 के स्तर पर आ गया है. रिपोर्ट बताता है कि पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, झारखंड, ओडीशा, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश में आईएमआर में  20 प्रतिशत प्वाइंट से अधिक की गिरावट हुई है. एनएफएचएस–1 (1992-93) के दौरान आईएमआर प्रति 1000 जीवित जन्मों में 79 दर्ज किया गया था.

•    संस्थागत प्रसवः इसमें 40 प्रतिशत प्वाइंट की बढ़ोतरी हुई है. एनएफएचएस– 3 में यह 38.7 प्रतिशत था जो एनएफएचएस–4 में बढ़कर 78.9 प्रतिशत हो गया. ऐसा लगता है कि जननी सुरक्षा योजना के माध्यम से लक्षित दृष्टिकोण के कारण संस्थागत प्रसव में नाटकीय ढंग से बढ़ोतरी हुई है.

CA eBook


•    कुल जन्म दरः कुल जन्म दर में भी कमी आई है. यह एनएफएचएस–3 में प्रति महिला 2.7 बच्चे था जो अब 2.2 बच्चे रह गया है. सभी 30 राज्यों में टीएफआर  में भी काफी गिरावट दर्ज की गई है. सबसे अधिक गिरावट उत्तर प्रदेश में देखी गई, यहां यह 1.1 बच्चा है, इसके बाद 1.0  बच्चे के साथ नगालैंड का स्थान है. हालांकि पर्याप्त गिरावर्ट दर्ज करने में बिहार विफल रहा है.

•    कम वजन वाले बच्चेः इसमें 7 प्रतिशत प्वाइंट की कमी देखी गई है.

•    रक्ताल्पता (एनिमिया): 6 से 59 महीने की उम्र वाले बच्चों के बीच इसमें काफी कमी देखी गई है. एनएफएचएस–3 के 69 प्रतिशत के मुकाबले एनएफएचएस–4 में यह  58 प्रतिशत रहा. अधिकतम गिरावट असम (34 प्रतिशत प्वाइंट), छत्तीसगढ़ ( 30 प्रतिशत प्वाइंट), मिजोरम (26 प्रतिशत प्वाइंट) और ओडीशा ( 20 प्रतिशत प्वाइंट) में दर्ज की गई.

•    गर्भनिरोधक प्रसार दरः  नवविवाहित महिलाओं के बीच एनएफएचएस–4 में इसमें 7 प्रतिशत प्वाइंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 54 फीसदी रहा. पिछले एनएफएचएस में इसकी दर – एनएफएचएस–1 में 41 प्रतिशत, एनएफएचएस–2 में 48 प्रतिशत, एनएफएचएस–3 में 46 प्रतिशत ( एनएफएचएस–3 के मुकाबले गर्भनिरोधक प्रसार दर में 2 प्रतिशत प्वाइंट की गिरावट दर्ज की गई).

इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं में पूरक पोषण और प्रयास ने कुपोषण के मामलों में कमी लाने में मदद की है. कुपोषण की वजह से होने वाली मृत्यु में भी यही रुझान देखा गया है.

 

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

    एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

    AndroidIOS

    Trending

    Latest Education News